This is the list of all events and functions that will be organized by the temple.
प्रस्तावना:
दीपावली, जिसे 'दीवाली' भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख और लोकप्रिय त्योहार है। यह अंधकार पर प्रकाश की, असत्य पर सत्य की, और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन भगवान श्रीराम 14 वर्षों का वनवास समाप्त कर अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने दीप जलाए थे। इसी उपलक्ष्य में दीपावली मनाई जाती है। कुछ स्थानों पर यह भगवान विष्णु की नरकासुर पर विजय या भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर वध के रूप में भी मनाई जाती है।
प्रस्तावना:
होली भारत का एक प्रमुख और रंगों से भरा हुआ त्योहार है। यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह पर्व प्रेम, भाईचारे और मस्ती का प्रतीक है। इसे ‘रंगों का त्योहार’ भी कहा जाता है।
होली का संबंध भक्त प्रह्लाद और होलिका की कथा से जुड़ा है। कहा जाता है कि प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था, लेकिन उसका पिता हिरण्यकश्यप खुद को भगवान मानता था। उसने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए। अंत में, होलिका जो आग में न जलने का वरदान रखती थी, प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठी, लेकिन भगवान की कृपा से प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई। तभी से बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में ‘होलिका दहन’ की परंपरा चली आ रही है।
दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है
इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था और सीता माता को लंका से मुक्त कराया था। इसलिए इस दिन को अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर इसे माँ दुर्गा की महिषासुर पर विजय के रूप में भी मनाया जाता है।
दशहरे से पहले नौ दिन तक नवरात्रि मनाई जाती है, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा होती है। दशमी के दिन रामलीला का आयोजन होता है और रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है। यह प्रतीक होता है कि अहंकार और बुराई का अंत निश्चित है।
रक्षा बंधन भारत का एक प्रमुख पारिवारिक त्योहार है। यह त्योहार भाई और बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इसे श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बाँधती हैं, और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।रक्षा बंधन का अर्थ है – रक्षा का बंधन। यह त्योहार दर्शाता है कि भाई हमेशा अपनी बहन की रक्षा करेगा, चाहे कोई भी परिस्थिति हो। यह दिन प्यार, स्नेह और विश्वास से भरा होता है।