मानवाधिकार वे मूलभूत अधिकार हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को केवल मानव होने के नाते प्राप्त होते हैं। ये अधिकार व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा की रक्षा करते हैं।👉 मानवाधिकार किसी जाति, धर्म, भाषा, लिंग, रंग, राष्ट्रीयता या सामाजिक स्थिति से परे होते हैं।मानवाधिकार केवल कानूनी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि एक सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी भी हैं। इनकी रक्षा करना न केवल सरकार, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। मानवाधिकारों के बिना कोई भी समाज न्यायसंगत, स्वतंत्र और समावेशी नहीं हो सकता।